tag:blogger.com,1999:blog-37157586752507558172024-03-07T09:04:03.112+05:30मुसाफिर चलता चल musafir chalta chalTravelouge by Sachin TyagiSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.comBlogger117125tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-84779507407451600202024-01-02T21:57:00.001+05:302024-02-25T21:29:22.429+05:30जंगल में रात का सफर- बरसूडी गांवयह यात्रा मैंने 31oct 2018 को अपने एक दोस्त के संग की थी। हम दोनों को पौड़ी गढ़वाल के एक गांव बरसूडी में जाना था। यह गांव हमारे परम मित्र बीनू कुकरेती जी का है और हम कुछ दोस्त इस गांव में 2017 से एक एजुकेशन व स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन करते आ रहे थे। इसलिए हमें वहाँ एक दिन पहले पहुँचना था। उस समय गांव तक सड़क नही थी (वर्तमान में सड़क बन चुकी है ) सड़क केवल द्वारीखाल तक ही थी। और बरसूडी गांव तक जाने के Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-12748489174415046962021-04-16T21:47:00.001+05:302021-04-16T22:01:52.563+05:30ऋषिकेश से हरिद्वार चीला जंगल वाले रास्ते से सफर (वीडियो ब्लॉग)Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-6259072093243879502020-05-02T07:35:00.002+05:302020-05-03T07:31:04.663+05:30काशी विश्वनाथ मंदिर-उत्तरकाशी
अब तक आपने पढ़ा कि हम गंगोत्री धाम के दर्शन करने के पश्चात गंगनानी के आसपास रुक गए थे अब आगे पढ़ें...
इस यात्रा को आरंभ से पढ़ने के लिए क्लिक करें..
31 मई 2019
kashi viswanath temple, uttarkashi
सुबह जल्दी ही उठ गए हैं और फ्रेश होने के पश्चात लगभग 6 बजे हम यहां से उत्तरकाशी की तरफ निकल चलें। कुछ किलोमीटर चलने पर भटवारी आया अभी दुकाने बंद थी इसलिए हम लगभग 30 km आगे चलकर Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com23tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-75422139747486496702020-04-30T06:53:00.003+05:302020-05-02T07:38:28.446+05:30मेरी गंगोत्री यात्रा हम यमुनोत्री यात्रा कर आगे उत्तरकाशी में रुकें। हमने यहां goibbo app की मदद से पहले ही एक होटल बुक करा लिया था। लेकिन वह होटल हमे काफी ढूंढने पर भी नही मिला, गूगल मैप से भी ढूंढा तब भी लोकेशन गलत ही बता रहा था। हमने काफी बार फ़ोन भी किया तब भी फ़ोन उठाया नही गया फिर मैंने दूसरे नम्बर से फ़ोन किया तब उन्होंने फ़ोन उठाया लेकिन रूम बुक होने से साफ इंकार कर दिया जबकि हमने goibbo को पैसे भी दे दिए थे। Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com23tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-40384668037687014462020-04-27T09:44:00.005+05:302020-05-02T07:37:46.007+05:30मेरी यमुनोत्री यात्रा पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि मैं अपनी फैमिली के संग यमुनोत्री यात्रा के लिए दिल्ली से चलकर जानकीचट्टी पहुँच गया क्योंकि जानकीचट्टी से ही यमनोत्री मंदिर के लिए पैदल यात्रा आरंभ होती है। अब आगे पढ़े ...यात्रा को आरंभ से पढने के लिए इधर क्लिक करे यमुनोत्री धाम जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम की यात्रा29 मई 2019मैंने घोड़े वाले को कल ही बोल दिया था कि आज सुबह 4:30 बजे तक आ जाना क्योंकि हम Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com21tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-75027945714216659992020-04-25T21:23:00.005+05:302020-05-02T07:37:01.879+05:30मेरी यमुनोत्री यात्रा (दिल्ली से जानकीचट्टी)दिल्ली से जानकी चट्टी
गंगोत्री और यमुनोत्री जाने की चाह काफी दिनों से थी और कई बार जाने का प्लान बना भी लेकिन कभी प्लान कैंसिल हो जाता तो कभी कही अन्य जगह चला जाता। अप्रैल 2019 में मैंने नई कार खरीदी और सोचा कि चलो इसको ही लेकर कहीं सैर पर चला जाया जाए लेकिन जाया जाए तो कहां? फिर मन में ख्याल आया कि क्यों ना गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा पर ही चला जाए वैसे भी मैं वहां गया नहीं हूं और काफी सालों से Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com20tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-50692567061718566482020-04-02T12:11:00.003+05:302020-04-18T15:11:35.180+05:30औली की सैर
औली यात्रा भाग 04
पहला भाग 01 पढ़े
04 नवंबर 2019
कल हम बद्रीनाथ में ही रुक गए थे और हमने snowfall होता हुआ भी देखा था। आज सुबह आराम से उठे। उठते ही रूम की खिड़की खोली तो मौसम साफ था धूप निकल रही थी। होटल के दिखता नीलकंठ पर्वत चमक रहा था साथ मे कुछ और पर्वत जो कल हरे भरे दिख रहे थे आज वो भी सफ़ेद हो चुके थे। मैं नहा धोकर होटल में बने रेस्टोरेंट में नाश्ता करने पहुँच गया कुछ देर बाद सभी लोग आ चुके थेSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-17192330251497171372020-03-31T22:27:00.007+05:302020-04-22T19:46:00.077+05:30बद्रीनाथ व माना गाँव की यात्रा
बद्रीनाथ व माना गांव की यात्रा भाग 03
बद्रीनाथ
यात्रा शुरू से पढ़ने के लिए क्लिक करे
03 नवंबर 2019
कल हम कार्तिकेय स्वामी मंदिर ट्रैकिंग करने के बाद चमोली से आगे बिरही में रुक गए थे। आज सुबह हम लगभग 7:00 बजे बद्रीनाथ जी के लिए चल दिए। बिरही से बद्रीनाथ जी पहुंचने में लगभग 4 घंटे लग गए इसी बीच रास्ते में ही हमने नाश्ता भी किया। बद्रीनाथ जी पहुंचने के बाद सबसे पहले हमने Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-4895056629422407972020-03-30T11:13:00.001+05:302020-04-18T15:05:29.398+05:30कार्तिक स्वामी मंदिर ट्रैकिंग यात्रा भाग 02
कार्तिक स्वामी मंदिर की पैदल यात्रा भाग 02
kartikeya swami temple,uttrakhand
पहला भाग पढ़े
02 नवंबर 2019
मै सुबह लगभग 6:00 बजे उठ चुका था। मुझसे पहले ललित भी उठ गया था फिर मैंने दूसरे कमरे में जाकर अंकित और अमित को भी जगा दिया और उनसे बोल भी दिया कि 7:00 बजे फ्रेश होकर नीचे रेस्टोरेंट पर मिलो हम सभी लगभग 7:00 बजे के करीब रेस्टोरेंट पहुंच गए और हमने नाश्ते के लिए बोल दिया। तब तक Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-43800009369178506772020-03-28T14:46:00.004+05:302020-04-22T19:34:41.790+05:30कार्तिक स्वामी मंदिर यात्रा भाग 01
कार्तिक स्वामी मंदिर की पैदल यात्रा भाग 01
kartikey swami temple,uttrakhand
यात्रा की रूपरेखा-
अक्तूबर 2019 की बात है एक दिन ललित का फ़ोन आता है कि काफी दिन हो गए है कही बाहर गए हुए। तो आप कोई प्रोग्राम बना लो लेकिन बनाना उत्तराखंड का ही और उसमें बद्रीनाथ भी शामिल हो सके तो और बढ़िया रहेगा। मैंने उससे बोला कि अभी पिछले साल तो बद्रीनाथ जी के दर्शन कर के आये है कही और चलते है इस बार उसने Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com13tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-61563831696286598332019-10-17T12:35:00.001+05:302019-10-17T12:36:14.533+05:30भूलि भटियारी महल
भूली भट्यारी महल
भूली भट्यारी महल ,दिल्ली
दिल्ली राज्य में वैसे तो बहुत सी ऐतिहासिक इमारते है। लेकिन बहुत सी ऐसी जगह भी जिनको लोग कम जानते है या फिर जानते ही नही है। ऐसी ही जगहों में से एक जगह है भूली भटियारी महल। इसका निर्माण 14वी शताब्दी में दिल्ली के शासक फ़िरोज़ शाह तुगलक ने करवाया था। पहले यह जगह घना जंगल हुआ करती थी। वैसे तो आज भी यह जगह जंगल का रूप लिए हुए है। इस Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-60637012529321976312019-09-14T15:21:00.000+05:302019-09-15T07:04:20.484+05:30आओ चले बद्रीनाथ
बद्रीनाथ यात्रा 2018
पिछली 2016 में की गयी बद्रीनाथ यात्रा को पढ़ने के लिए इसे क्लिक करे।
बद्रीनाथ धाम
15 नवम्बर 2018 की शाम को ललित का फोन आया उसने कहा कि चलो बद्रीनाथ जी के दर्शन कर आते हैं। मैंने कहा नहीं यार बद्रीनाथ तो मैं अभी कुछ साल पहले ही गया था, चलो कही और चलते है ना। क्योंकि मैं एक जगह को बार-बार जाना पसंद नहीं करता हूं उसने कहा कि एक बार फिर चलो मुझे केवल Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-56701204786878845102019-08-20T11:18:00.000+05:302019-08-20T11:18:47.328+05:30Yog badri, pandukeshwer temple, योग- ध्यान बद्री(पांडुकेश्वर मंदिर)
योग ध्यान बद्री (पांडुकेश्वर मंदिर)
पाण्डुकेश्वर स्तिथ योग बद्री मंदिर
योग ध्यान बद्री मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस मंदिर में भगवान विष्णु जी जी की मूर्ति ध्यान मुद्रा में है इसलिए इस मंदिर को योग ध्यान बद्री कहा जाता है। यह मंदिर उत्तराखंड के सप्त बद्रियों में से एक है। कहा जाता है कि राजा पांडु (पांडवो के पिता) ने यहाँ पर विष्णु भगवान की Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-24185220382666359662019-08-04T14:52:00.004+05:302019-08-04T14:52:48.260+05:30Vridh badri temple, वृद्धबद्री मंदिर
वृद्धबद्री मंदिर
उत्तराखंड , चमोली
वृद्ध बद्री मंदिर ,उत्तराखंड
उत्तराखंड के जोशीमठ से तक़रीबन 7 km पहले एक गांव अनिमठ(अनीमथ ) पड़ता है। ये गांव मुख्य मार्ग से बस कुछ ही फासले पर नीचे बसा है। यह गांव चमोली जिले में है। यहां पर भगवान विष्णु की वृद्ध रूप में पूजा की जाती है। पुरानी मान्यताओं और मंदिर के पंडित जी के अनुसार इस जगह पर देवऋषि नारदजी ने भगवान विष्णु के Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-52077616854369168772019-07-27T13:12:00.000+05:302019-07-27T13:12:02.019+05:30Rudrpryag ( रुद्रप्रयाग)
रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग स्तिथ संगम स्थल
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड का एक जनपद (जिला) है। रुद्रप्रयाग जिले में बहुत कुछ देखने को है। जैसे चोपता, तुँगनाथ, गुप्तकाशी, केदारनाथ, त्रिजुनीनारायण मंदिर, कोटेश्वर महादेव व कार्तिक स्वामी मंदिर आदि। रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के नाम(रुद्र) पर है। उत्तराखंड के पंच प्रयागों में से एक प्रयाग रुद्रप्रयाग जहां केदारनाथ से आती मंदाकनी नदी और बद्रीनाथSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-15812173610385000242019-01-28T22:07:00.001+05:302019-01-28T22:15:54.536+05:30Kutub minar (कुतुबमीनार)
कुतुबमीनार, दिल्ली
kutub minar
कुतुब मीनार ईंटो से बनी दुनिया की प्राचीन ऊंची इमारतों में से एक है। यह दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है। युनेस्को ने इस इमारत को विश्व धरोधार के रूप में स्वीकृत किया है। कुतुब मीनार की ऊंचाई तकरीबन 73 मीटर है। आधार पर इसका व्यास 14.3 मीटर और टॉप पर केवल 2.7 मीटर है। और यह पांच मंजिला बनी हैं। इसका निर्माण दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्धीन ऐबक ने Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-77431779659289738292019-01-03T18:25:00.000+05:302020-07-30T14:55:39.698+05:30मेरी केदारनाथ यात्रा (केदारनाथ मंदिर)_Kedarnath by Helicopter
मेरी केदारनाथ यात्रा
इस यात्रा को शुरू से पढ़े
फंस गए केदारनाथ में
केदारनाथ मंदिर
2 मई 2018, बुधवार
सुबह जल्दी सभी कार्यो से निवृत्त होकर होटल के नीचे बने एक ढाबे पर पहुँचे और चाय संग आलू के परांठो का नाश्ता कर लिया। सभी सामान गाड़ी में पैक कर दिया क्योंकि हमें आज ही केदारनाथ से वापिस आना था इसलिए सिर्फ गर्म कपड़े पहन लिए और थोड़ा खाने का सामान रखा बाकी समान हेलीपैड की Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com25Kedarnath, Uttarakhand 246445, India30.7346267 79.066894330.727802699999998 79.0568093 30.7414507 79.0769793tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-64900435776509241252019-01-01T09:06:00.000+05:302020-10-09T13:50:46.542+05:30मेरी केदारनाथ यात्रा (देवलगढ़ मंदिर)
मेरी केदारनाथ यात्रा
इस यात्रा को शुरुआत से पढ़े
देवलगढ़ मंदिर व धारा देवी मंदिर
गौरा देवी टेम्पल , देवलगढ़ (उत्तराखंड )
01 मई 2018, बुधवार
खिरसू से देवलगढ़ मंदिर तक की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है इतनी दूरी कि आप अपनी सवारी से लगभग तीस से चालिस मिनटों में पूरी कर सकते है। और लगभग इतनी ही दूरी श्रीनगर से भी है। जैसे ही हम ख़िरसू से निकले एक महिला ने हमसे लिफ्ट मांगी। Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-34938807179239241292018-12-30T08:00:00.002+05:302020-06-03T20:27:35.049+05:30मेरी केदारनाथ यात्रा ( ख़िरसू )
मेरी केदारनाथ यात्रा
इस यात्रा को शुरू से पढ़े.......
ख़िरसू, पौड़ी गढ़वाल
30 अप्रैल 2018, मंगलवार
जब हम ज्वाल्पा देवी से चले तब दोपहर के लगभग 3:30 बज रहे थे। वैसे तो हमें आज के दिन कलडूँग में गो हिमालय के होमस्टे पर रुकना था। लेकिन मेरे मित्र बीनू कुकरेती जी से जब मेरी बात हुई तो उन्होंने कहा जब इधर घूमने आ ही रहे हो तो फिर ख़िरसू घूम कर आना। उन्होंने बताया कि ख़िरसू एक बहुत Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com18tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-82394691386214831732018-12-28T12:04:00.001+05:302020-06-03T20:22:29.476+05:30मेरी केदारनाथ यात्रा (दिल्ली से ज्वाल्पा देवी मंदिर)
मेरी केदारनाथ यात्रा
ज्वाल्पा देवी मंदिर, पौड़ी गढ़वाल
ज्वाल्पा देवी मंदिर , पौड़ी गढ़वाल
केदारनाथ नाम सुनते ही मन मस्तिष्क में हिमालय की हिमाच्छादित पर्वतीय चोटियों के बीच एक मंदिर की तस्वीर दिखलाई पड़ती है। केदारनाथ धाम के बारे में यह कहा जाता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ जाता है उसपर तो शिव की कृपा होती ही है बल्कि जो व्यक्ति केदारनाथ धाम जाने की सोचता भी वह भी शिव की कृपा पाता है। इसलियेSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-81767314396102204992018-09-19T20:30:00.000+05:302018-09-23T12:51:17.523+05:30मेरी जयपुर यात्रा (अल्बर्ट हॉल म्यूजियम,सिटी पैलेस और हवामहल)
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हवामहल ,जयपुर
21 जनवरी 2018
आज सुबह आराम से उठे क्योंकि कल किले घूमने के बाद जयपुर के लोकल बाजार से थोड़ी ख़रीदारी भी की थी। इसलिए सोने में थोड़ा लेट भी हो गए थे। सुबह फ्रेश होने व नाश्ता करने के बाद हम होटल के रिसेप्शन पर पहुँचे तब तक होटल के एक कर्मचारी ने सारा सामान गाड़ी में रख दिया था। हमने होटल का बाकी का भुगतान भी कर दिया और जयपुरSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-44089369172593897582018-08-01T09:53:00.000+05:302018-09-23T12:52:51.155+05:30मेरी जयपुर यात्रा (आमेर फोर्ट, पन्ना मीणा कुंड व अम्बिकेश्वर मंदिर)
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आमेर फोर्ट
20 जनवरी 2018
जयगढ़ और नाहरगढ़ किले देखने के बाद हमने वापिसी की राह पकड़ ली। लेकिन कुछ दूरी पर ही राजस्थान ट्रैफिक पुलिस ने कार को रूकने का इशारा किया। मैंने कार को उनके बराबर में रोक कर पूछा कि क्या बात है। उन्होने कार की RC मांगी और कहा कि आपको 600 का चालान भुगतना होगा। मैंने उनसे पूछा कि मुझे किसलिए चालान भुगतना होगा? जबकिSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com21Devisinghpura, Amer, Jaipur, Rajasthan 302001, India26.9854865 75.851345400000014-0.71967249999999794 34.542751400000014 54.6906455 117.15993940000001tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-4401820951050917912018-07-11T21:25:00.000+05:302018-08-01T10:08:40.385+05:30मेरी जयपुर यात्रा (जयगढ़ और नाहरगढ़ किला)
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20 जनवरी 2018
सुबहे आराम से उठ कर व नहा धोकर हम लगभग 8:30 पर नीचे बने होटल के रेस्टोरेंट में पहुंचे। हम से पहले कुछ विदेशी गेस्ट भी वहा मौजूद थे। नास्ते में खीर ,कॉर्नफ्लेक्स ,फ्रूट और फ्रूट जूस था और बटर टोस्ट साथ में हां कुछ वेज कटलेट भी थे। मैंने परांठे को पूछा तो उसने सॉरी कहते हुए नहीं कह दिया। चलो जी इनसे ही काम चला लेते है। नाश्ता करनेSachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com15tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-43765336488081421542018-06-22T21:29:00.000+05:302018-08-01T09:52:29.240+05:30मेरी जयपुर यात्रा ( दिल्ली से जयपुर)
19 जनवरी 2018
काफी दिन से कही घुमने जाना नही हो पा रहा था। मन कही जाने को कह रहा था। एक बार मन में आया की उत्तराखंड में कही जाया जाए और बर्फ में खेलने का आनंद लिया जाए। परंतु उत्तराखंड में भी कही जाना सुनिश्चित नही हो पा रहा था। एक दिन मन में एक विचार आया की क्यों ना जयपुर ही चला जाए? वैसे भी जयपुर जाने का प्लॉन हर बार रद्द हो जाता रहा है। मैं पहले भी दो दफा जयपुर जा चुका हूं, लेकिन Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-3715758675250755817.post-16381561410471118512018-02-28T22:32:00.000+05:302018-03-21T18:24:34.700+05:30भानगढ़ किले की यात्रा
21 जनवरी 2018
भानगढ़ का क़िला
भानगढ़ का इतिहास :
भानगढ़ क़िले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 16 वी शताब्दी (1573 )में बनवाया था। बाद में भगवंत दास के पुत्र व राजा मान सिंह के छोटे भाई माधो सिंह ने इसे अपनी रियासत की राजधानी बना लिया। माधो सिंह मुग़ल शहंशाह अकबर के राज में उनके दीवान थे। माधो सिंह के बाद उसका पुत्र छत्र सिंह गद्दी पर बैठा। कुछ समय पश्चात हरिसिंह का शासन भानगढ़ Sachin tyagihttp://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com18Gola ka baas, Rajgarh Tehsil, Alwar, Bhangarh, Rajasthan 301410, India27.0964052 76.28617069999995727.0893372 76.276085699999953 27.1034732 76.296255699999961