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गुरुवार, 22 मई 2014

मुदुमलाई अभयारण्य

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24 जून आज हमे ऊटी से लगभग 70km दूर मुदुमलाई अभयारण्य जाना था.यह हमने कल शाम ही 650 रू प्रति व्यक्ति के हिसाब से एक लोकल टूर आपरेटर से बुक कर लिया था.जो हमे रास्ते मे दो तीन जगह ओर घुमाने वाला था.
इसलिए आज जल्दी ऊठ कर दैनिक नित्यकर्म निपटा कर व नाश्ता कर के होटल के प्रतिक्षालय मे जा बैठे.सुबह के 9 बजे बस आ गई हम अपनी सीटो पर बैठ गए.बस मे केवल हिन्दीभाषी हम ही थे नही तो सभी पर्यटक तमिल ही थे. हमारा गाईड तमिल मे ही बात कर रहा था पर जब उसे पता चला की हम दिल्ली से आए है तो उसने हमसे तमिल लहजे मे हिन्दी मे बात की ओर हमे कहा कहा जाना है वो भी बताया.
बस होटल से तुरंत ही चल पडी.ओर मुदुमलाई तक जाने के दो रास्ते थे पर वह हमे बडे रास्ते से ले गए क्योकी उसी रास्ते पर देखने के लिए पोईंट थे.जो हमे देखने थे.गाईड ने पहले ही बता दिया था की आते वक्त छोटे व पहाडी रास्ते से आएगे.तो हम चल पडे बडे वाले रास्ते की तरफ.
गोल्फकोर्स-
बस सबसे पहले एक जगह रूकी वो थी गोल्फ कोर्स.यह एक सुन्दर सा मैदान था ओर यहा पर ज्यादातर फिल्मो की सुटिंग होती है हमारे गाईड ने बताया की साजन फिल्म का सैट भी यही लगाया गया था.थोडे समय बाद हम वहा से आगे चल पडे.
पायक्रा झील-
अब मौसम थोडा खराब होने लगा था,बारिश खुब जोरो से पडने लगी थी तभी बस वाले ने एक झील किनारे बस खडी कर दि.झील का नाम था पायक्रा झील,हम सब बस से बाहर तो आ गए पर बारिश के कारण एक टिन सेड के नीचे बैठ गए.कुछ लोग बोटिंग करने चले गए पर हम वही पर बैठे झील को देखते रहे यह झील,ऊटी की झील से भी बडी लग रही थी.यहा हम लगभग 20-25 मिनट रूके ओर आगे चल पडे,अब बारिश भी रूक गई थी.यहा बारिश कब पडने लगे ओर कब रूक जाए पता नही चलता है.अब हमारी बस रूकी एक बांध पर जो एक झील पर बना है यहा पानी से लाईट बनती है.यह एक सुन्दर जगह थी यहा पेड भी थे पानी भी ओर खुली जगह भी ओर क्या चाहिए हम जैसे भीड,भाड वालो को.
हमारे गाईड ने बताया की यहा पर भी काफी सारी फिल्मो की सुटींग होती रहती है एक फिल्म रोजा मे तो यह बाँध भारत पाकिस्तान की सीमा पर दिखाया गया है मतलब इस पार भारत ओर उस पार पाकिस्तान.
यहा से चलने के बाद एक बडे से मैदान व ढालनुमा जगह पर रूके,नाम याद नही जगह का पर  यह बहुत सुन्दर थी.यहा पर हवा बहुत तेज चल रही थी.हर जगह हरी हरी घास थी चारो ओर.यहा पर लैंडस्केप खुबसूरती फैली हुई थी चारो ओर,पर्यटक उस खुबसूरती को अपने कैमरे मे कैद भी कर रहे थे.
हमारे गाईड ने बताया की हिन्दी फिल्म राजा हिन्दुस्तानी का पालनपुर का सैट यही बना था ओर एक गाना" कितना सुन्दर तुझे रब ने बनाया" यही पर फिल्माया गया था.
यहा से चलने के 5 मिनट बाद ही एक जंगल मे बस रोक दि.इस जंगल को पाईन फोरेस्ट के नाम से जाना जाता है.यह पाईन के लम्बे लम्बे पेडो से भरा पडा था.पाईन शायद चीड को कहते है.ओर एक बात मै बताता हुं आपको,आपने राज फिल्म तो देखी होगी ??बिपाशा वाली, उस फिल्म मे जो बंगला व बाद मे प्रेत आत्मा से लडाई वो सभी इसी जगंल मे ही हुई थी.कहने का मतलब राज फिल्म की सुटींग इसी पाईन फोरेस्ट मे हुई थी.इस जंगल मे अन्दर जाना मना था.पर मै तो लगभग 200 मीटर अंदर चला गया था.जिस कारण बस 10 -15 मिनट लेट भी हो गई थी
यहा से हम सीधा रूके मुधुमलाई वन्य अभयारण्य मे.यह ऊटी से मैसूर वाले रास्ते पर स्थित है यहा पर बाध, तेन्दुआ व जंगली बिल्ली ओर हाथी पाए जाते है.हम एक आफिस मे बैठ गए वही नजदीक ही म्युजियम भी बना था हम म्युजियम देखने चले गए.यह म्युजियम मुझे जिम कार्बेट जंगल मे स्थित म्युजियम जैसा ही लगा यहा पर मरे हुए जानवर एक कांच के बक्से मे रखे हुए थे ओर बताया गया था की कैसे उनकी मौत हुई थी.
हम यह देखकर बाहर आ गए पास ही कैन्टीन से कुछ खा पी लिया गया.जल्द ही वन विभाग की बस आ गई हम सब उसमे बैठ गए ओर चल पडे जंगल की तरफ.यह बस हमे जगल मे ज्यादा अंदर नही ले गई यह केवल हमे मुस्किल से 200 मिटर अदर ले गई ओर वहा पर सडक पर आगे चलते रहे.बस ड्रायवर ने बस रोक दी क्योकी सड़क पर कुछ जंगली हाथी खडे थे जंगली हाथी कभी भी हमला कर देते है इसलिए जब वह सड़क से हटे तभी हम आगे बढे.आगे चलकर हमे गैंडा भी दिखाई दिया.यहा पर हिरणो की भरमार थी.मोर पक्षी जो हमारे देश का राष्टीय पक्षी भी है यहा बहुत है.एक सह यात्री ने मुझे बताया की विरप्पन भी इन्ही जंगलो मे रहता था ओर यह जंगल सडक के किनारे किनारे मैसुर तक फैले है.कुछ देर बस रोक दि ओर बस मे बैठे बैठे हिरनो व हाथियो के फोटो खिचते रहै हम सभी की नजर बाघ व तेन्दुए को ढुंढ रही थी पर वो कहा छुपे थे हमे मालुम नही था.
आखिरकार बाघ को बिना देखे हम जंगल से बाहर आ गए ओर ऊटी की तरफ चल पडे.बीच मे बस वाले ने एक होटल पर बस रोकी जहा पर खाना व चाय पी गई.शाम को 6 या 7 बजे हम वापिस ऊटी पहुंच गए.
यात्रा अभी जारी है............

4 टिप्‍पणियां:

  1. सचिन भाई अच्छी यात्रा ,सुन्दर फोटो ,ब्लॉग का डिज़ाईन काफी सुन्दर लग रहा है। लेकिन आपने एक बात शायद नोट नही की कि अब टेक्स्ट मेटर पढ़ना मुश्किल हो रहा है। ब्लॉग के टेक्स्ट के लिए वाइट बैकग्राउंड मे ब्लैक टेक्स्ट सर्वोत्तम है। इनके पढने मे आसानी होती है। अगली बार डिज़ाईन चेंज करें तो आप अजमाकर देख सकते है।

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    1. विनय भाई आपकी सलाह पर पूरा ध्यान दिया जाएगा.

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  2. एकदम बढ़िया ! एक फोटो में तो आप दिलवाले। …………… जाएंगे के शाहरुख़ खान लग रहे हो ! बहुत बढ़िया इन्फोर्मटिवे पोस्ट !

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    1. योगी जी ब्लॉग पर आने का सह्रदय नमस्कार...

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