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शुक्रवार, 20 जून 2014

नैनीताल,झीलो की नगरी,

नैनीताल
नैनीताल उत्तराखण्ड का प्रमुख पर्यटकीय शहर है.यह कुमाऊ क्षेत्र मे आता है,नैनीताल जिला मे सबसे ज्यादा झीले पाई जाती है.इसे झीलो का शहर भी कहा जाता है,यह समुंद्र तल से लगभग 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है,यहा देशभर से सैलानी घुमने के लिए आते है,गर्मीयो मे तो यहा सैलानीयो का तांता लग जाता है,जब दिल्ली व आसपास के शहरो मे पारा 45° तक पहुंच जाता है तब भी यहा पर मौसम सुहाना व राते ठंडी होती है.नैनीताल का नाम यहां की झील नैनी झील के कारण पडा.यह चारो ओर पहाडियो से घिरा सुन्दर व शान्त जगह है.

नैनीताल मे घुमने के लिए स्थान:-

नैनीझील
नैनीझील नैनीताल की जान है,यह एक सुन्दर व बडी झील है.यहा आप बत्तखो के झुंड को तैरते देख सकते है,नाव द्वारा आप पूरी झील का भ्रमण भी कर सकते है.झील के दोनो ओर नैनीताल दो हिस्सो मे बसा है एक मल्लीताल  व दूसरा तल्लीताल के नाम से जाना जाता है.यही पर झील के किनारे मां नैना देवी का मन्दिर भी है जो एक शक्ति पीठ भी है,कहा जाता है की जब भगवान शिव अपने कंधे पर माता सती का मृत शरीर को ऊठा कर कैलाश की तरफ ले जा रहे थे तब यहा झील के किनारे पर ही माता सती की नैन(आंखे) गिरे थे,इसलिए यहा पर एक मन्दिर नैना देवी की स्थापना हुई.जिसकी बहुत मान्यता भी है.
अगर आप नैनीताल आए तो यहा जरूर दर्शन के लिए आईएगा.
मालरोड:-
झील के किनारे दोनो ओर सडके है,एक तरफ ठंडी सडक जिसपर मोटर गाडी वगरह नही चल सकती है व दूसरी ओर तल्लीताल की तरफ सड़क पर होटल,रेस्तरा,बैंक,ट्रेवलस् एजंन्सी व दुकाने है,इस सडक को ही मालरोड कहते है.यहा पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से रहने के लिए होटल ले सकते है,व सभी जरूरत का समान भी ले सकते है.

रोपवे:-
मल्ली ताल से एक रोपवे भी चलती है जो आपको नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी(स्नो व्यु प्वाईंट)पर ले जाती है जहा से आप पूरे नैनीताल को देख सकते है,पूरी झील तो देखने मे बहुत अच्छी लगती है यहां से.यहा पर टैलिस्कोप के द्वारा दूर हिमालय पहाडियों को भी देखा जा सकता है.

टाईगर केव:-
यह नैनीताल से दो या तीन किलोमीटर दूर खुरपाताल वाले रास्ते पर ही स्थित है यह जमीन मे काफी गहराई मे है,जहा पर आपको तंग जगहो से निकलना पडता है.(जब मैं गया था उस समय यह बारिश ज्यादा होने के कारण बंद थी)
आप जब भी नैनीताल जाए तो यहा पर भी कुछ समय गुजार सकते है.
तिब्बती बजार:-
यह बाजार झील के किनारे व नैना देवी मन्दिर के पास ही है यहा पर आपको गर्म कपडे व इलक्ट्रोनिक्स समान व बच्चो के खिलौने सस्ते दामो पर मिल जाएगे.पर कीमत कम कराने के लिए आपको कुछ बहस भी करनी पड सकती है.
खुरपाताल:-
यह नैनीताल से कुछ दूरी पर व कालाडुंगी वाले रास्ते पर है,रास्ते मे एक छोटा सा झरना भी पडता है उसे भी देखा जा सकता है.
खुरपाताल मे भी नैनीताल की तरह एक झील है पर उसके मुकाबले कुछ छोटी जरूर है यहा पर आप शान्ति से झील के किनारे आराम से कई घंटे बैठ सकते है,पिकनीक के लिए एक आदर्श जगह है यह,कोई शोर शराबा नही,गिने चुने एक दो होटल व कुछ घर ही है यहा पर.

ओर अन्य जगह नैनीताल के पास:-
सातताल-
सातताल मे भी एक सुन्दर झील जहा पर आप नौका विहार कर सकते है.
नौकुचिया ताल-
ऐसा कहते है की इस झील के नौ कोने है ओर कोई उन्हे एक साथ नही देख सकता है,वैसे उन्हे देखना मुमकिन भी नही है.यहा पर भी आप झील की सुन्दरता को देखकर खुश हो जाएगे.
जिम कार्बेट पार्क:-
यह नैनीताल रामनगर वाले रास्ते पर है,यह एक वन्य अभ्यारण्य है जहा पर आपको बाघ,बघिरा,लक्कडभग्गा,जगंली बिल्ली व अन्य जगंली जानवर देखने को मिल जाएगे.यह सितमबर से मई तक खूला रहता है बाकी समय यह आम पर्यटको के लिए बंद रहता है.
यहा पर जंगल सफारी कर सकते है इस के लिए आपको रामनगर से परर्मिट बनवाना पडेगा.यहा पर कई गेस्ट हाऊस भी है जहा आप जगंल के माहौल मे रात गुजार सकते है.
पास मे ही गार्जिया देवी का मन्दिर है जो नदी के बीचो बीच एक चट्टान पर बना है ओर काफी खडी सिढियां चढने के बाद यहा दर्शन के लिए पहुचां जाता है.
जिम कार्बेट साहब का घर जो आजकल एक संग्रहालय के रूप मे है जहा पर आप जगंली जानवरो के मृत शरीर को देख सकते है  की वह कैसे मरे, ओर क्यो मरे,आज भी ऐसे लगते है जैसे असली के हो.
जिम कार्बेट ने अपना जीवन उस घर मे बिताया उस ऐतिहासिक इमारत को भी देखा जा सकता है.

अब कुछ फोटो देखे:-

मंगलवार, 3 जून 2014

राजघाट,गाँधी जी की समाधि स्थल

एक दिन राजघाट जाने का प्रौग्राम बनाया,मै सुबह 10 बजे के आसपास राजघाट पहुँचा.राजघाट व अन्य समाधि स्थल  यमुना नदी के किनारे स्थित है,यह समाधि परिसर लगभग 240 एकड़ भूमि पर फैला है,यहा पर कई समाधि स्थल बने है जैसे:-
*वीरभूमि-राजीव गाँधी,
*शक्तिस्थल-इन्दिरा गाँधी,
*शांतिवन-प०जवाहरलाल नेहरू व संजय गाँधी,
*किसानघाट-चौ० चरण सिहं ,
*विजयघाट-लालबहादुर शास्त्री जी,
*समता स्थल- बाबू जगजीवन राम.

दिल्ली जैसे महानगर जहा फैक्टरीयो व गाडीयो का शोर व भीडभाड से दूर कुछ समय ऐकांत मे बिताना चाहता हो उसे राजघाट परिसर मे अवश्य आना चाहिए.यहां आपको कई तरह के पेड दिखने को मिल जाएगे,यहा पर दो छोटी झील भी बनी है जहा आप घंटो बैठ सकते हो.
राजघाट को नेता लोग कभी कभी धरने वअन्य कार्यक्रम के रूप मे भी उपयोग करने लगे है.
राजघाट दिल्ली का प्रमुख पर्यटनीय स्थल मे से एक है,यह क्रिक्रेट के मैदान फिरोजशाह कोटला मैदान के नजदीक है व इसके नजदीक कश्मीरी गेट बस अड्डा भी है....

क्या-क्या देखे:-

राजघाट:-
यह महात्मा गाँधी जी की समाधि स्थल है,यह काले रंग के सगंमरमर पत्थर से बनी है,गाँधी जी हत्या सन् 1948 मे हुई,यहां पर एक खुबसूरत बगीचा भी बना है जहा तरह तरह के पेड पौधे भी लगे है.

शक्तिस्थल:-
शक्तिस्थल समाधि स्थल हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री व प० नेहरू की पुत्री इन्दिरा गाँधी जी की है.यहा पर समाधि के बीचो बीच एक लोहे या पत्थर की बडी सी चट्टान रखी हुई है,जो कुछ कोंग्रेस के हाथ के निशान सा लगता है,यह राजघाट के बहुत नजदीक है ओर इसी के पास ही एक झील भी बनी हुई है.

वीरभूमि:-
इन्दिरा गाँधी के बडे पुत्र व देश के प्रधानमंत्री रह चुके,स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी की समाधि स्थल का नाम वीरभूमि है यह राजघाट के नजदीक ही है,यहां समाधि स्थल पर ग्रेनाईट के पत्थर से बने कमल का फूल लगे हुए है इनकी भी हत्या हुई थी.

शान्तिवन:-
शान्तिवन भारत के पहले प्रधानमंत्री प० जवाहर लाल नेहरू की समाधि स्थल है,यहा पर भी एक शानदार पार्क बना हुआ है व पास ही एक झील भी बनी है.
झील के पास व नेहरू जी की समाधि के ठीक पिछे इन्दिरा गाँधी के छोटे पुत्र संजय गाँधी जी की समाधि स्थल भी है,