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शनिवार, 2 सितंबर 2017

सुरेश्वरी देवी मन्दिर हरिद्वार

हरिद्वार जाना और गंगा जी के शीतल जल में नहाने का ख्याल ही बडा मनोहर होता है। ज्यादातर लोगो को कोई अगर यह कहे की हरिद्वार चले तो मन अपने आप ही हरिद्वार चलने को करने लगता है। हरिद्वार के कुछ प्रमुख मन्दिर है जैसे चंडी देवी,  मंसादेवी व मायादेवी मन्दिर लेकिन इन के अलावा भी एक सिद्ध पीठ है। जिसे कम ही लोग जानते है आज मैं आपको उसी मन्दिर की सैर कराता हूं।

मैं और ललित चोपता तुंगनाथ (30 मई 2017) यात्रा करके लौट रहे थे। मन में विचार आया की क्यों ना आज रात हरिद्वार ही रूके। हरिद्वार में रात बीता कर हम सुबहे उस मन्दिर को देखने के लिए चल पडे। इस मंदिर के बारे में मुझे मेरे हरिद्वार के एक मित्र पंकज शर्मा जी ने बताया था। मन्दिर का नाम है सुरेश्वरी देवी मन्दिर। हरिद्वार रेलवे रोड से एक रास्ता बिल्वकेश्वर महादेव मन्दिर को जाता है बस उसी रास्ते पर चलना है। आगे भेल स्टेडियम से निकल कर एक चौराहे से दांहिने हाथ पर मन्दिर को रास्ता कट जाता है। मन्दिर का रास्ता कई बार पूछना पडा, हर शख्स मन्दिर को जंगल वाला मन्दिर से सम्बोधित कर रहा था।

खैर रास्ता पूछते पूछते हम राजाजी टाईगर रिजर्व नैशनल पार्क के रानीपुर हरिद्वार रेंज के गेट पर पहुंचे। यहां पर जंगल विभाग के कर्मचारी ने हमारी गाडी की एंट्री अपने रजिस्टर में की और 20 रू की पर्ची भी काटी। जब हम गेट से अंदर चलने को हुए तो उन्होने रूकने को कहा। उन्होने एक अखबार दिया और कहा की मन्दिर के पुजारी जी को दे देना। और उन्होने हिदायतें भी दी की जंगल में मत जाना। और बताया की कल शाम मन्दिर के पास हाथी घुमता रहा तो सावधानी रखना। हम वहां से चल पडे। बाहर के गेट से तकरीबन 2 किलोमीटर अंदर यह मन्दिर बना है। मन्दिर तक पक्की सड़क बनी है। और सीधा रास्ता है। कुछ ही मिनटों में मन्दिर पहुंच गए। मन्दिर के बाहर पानी की एक छोटा सा नाला बह रहा था। जिसके पास हाथी का ताजा गोबर भी पडा था। कुछ जंगली सूअर बैठे थे जो हमारी गाडी को देखकर भाग गए। हम गाडी खडी कर मन्दिर की तरफ चल पडे। मन्दिर तक कुछ सीढियाँ चढनी पडती है।

मन्दिर में पहुंचे ही सबसे पहले हमको सुरेश्वर महादेव मन्दिर के दर्शन होते है। सुरेश्वर महादेव मन्दिर के पीछे  माता सुरेश्वरी माता का मन्दिर है बना है। पुजारी जी को आता देखकर हमने उनको नमस्कार किया। फिर हमने उनको अखबार दे दिया। वह पेड की छांव में बैठ कर अखबार पढ़ने लगे। उन्होंने बातो बातो में बताया की पुराणो में इस मन्दिर का वर्णन आता है। इस जगह देवताओं के राजा इन्द्र व अन्य देवताओं ने दुर्गा माता की स्तुति की और माता को प्रसन्न कर उनसे यह आशिर्वाद लिया वह दानवो का नाश व देवताओं की मदद करेगी। इसलिए यह एक सिद्ध पीठ है।क्योकि दुर्गा माता यहाँ अवतरित हुई थी। 

मैं और ललित माता के मुख्य मन्दिर में पहुंचे। माता के दर्शन करने के पश्चात् हम काली के एक अन्य मन्दिर भी गए जो मन्दिर परिसर में ही थोडी ऊंचाई पर बना है। कुछ देर बाद हम वापिस पुजारी जी के पास आए। हमारे पूछने पर उन्होने बताया की मन्दिर जंगल में बना है, इसलिए यहां पर जंगली जानवरों का आना सामान्य बात है। हिरण, जंगली सुअर, हाथी व गुलदार(leopard) यहां पर आते है। पुजारी जी को धन्यवाद कर हम मन्दिर से बाहर आ गए। मन्दिर के बाहर एक मन्दिर और भी बना  है। जिसे हमने नही देखा। मन्दिर में लाईट की सुविधा सौर ऊर्जा द्वारा ही है। मन्दिर के चारो और कुछ कंटीले बाड लगाई गई है। मन्दिर के आस पास बहुत शांति है। क्योकी चारो तरफ जंगल है लेकिन पक्षियों की चहचहाहट की आवाज आती रहती है।
अब हम दोनो गाडी में बैठ कर वापिस चल पडे। बाहर मैन गेट पर पहुंचे। फोरेस्ट कर्मचारी से पता किया की यहां से जंगल सफारी भी कि जाती है। उसके कुछ रेट भी है। बाकी जंगल का आना जाना यह ट्रेक तकरीबन 28 किलोमीटर का है। यह जंगल हाथियों व लैर्पड के लिए प्रसिद्ध है। यह सब जानकारी लेकर व भविष्य में यहां पर जंगल सफारी करने की योजना बना कर वापिस अपने घर दिल्ली चल पडे।

समाप्त.......
सुरेश्वरी मंदिर ,हरिद्वार 

मैं सचिन त्यागी ,राजा जी नैशनल पार्क के गेट पर 




यहाँ से मंदिर को जाना है। 


मंदिर तक जाता रास्ता। 

मंदिर तक जाता रास्ता।

मंदिर तक जाता रास्ता।

मंदिर तक जाता रास्ता।

मंदिर तक जाता रास्ता।

आ गया मंदिर 

जंगल में ना जाये और गंदगी ना फैलाये और शोर ना करे। 

ललित मंदिर की ओर जाता हुए 

सचिन 

मंदिर का गेट 

मंदिर का गेट 

सीढ़ियां और सामने सुरेश्वर महादेव मंदिर 

सुरेश्वर मंदिर के पीछे माता का मंदिर है। 

सुरेश्वरी मंदिर 



माता की मूर्ति 

सुरेश्वरी मंदिर के पीछे एक टीले पर है एक और मंदिर 

ऊपर वही जाना है। 

पहुँच गया 

ऊपर से दिखता हुआ सुरेश्वरी मंदिर और जंगल। 

जंगल मंदिर के पास 

मंदिर के पास पानी का एक नाला , यही पर जंगली सूअर थे.

23 टिप्‍पणियां:

  1. सचिन भाई शानदार जगह तलाश कर लाये हो।
    इसकी ज्यादा। जानकारी नहीं है।

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    1. धन्यवाद संदीप जी। मुझे भी इस मन्दिर की जानकारी नही थी। एक बार पंकज शर्मा जी ने जिक्र किया था इस मन्दिर का। इसलिए पहुंच गया देखने। वैसे जगह बेहद खूबसूरत है।

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  2. बहुत बढ़िया जगह, कई साल हरिद्वार में रहने के बावजूद मुझे भी पता ना लगा। अगली बार जरूर जाऊंगा।

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    1. हितेश शर्मा जी जरूर जाएं। जब भी हरिद्वार जाए। धन्यवाद आपका

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  3. वाह एक और नई जगह की जानकारी

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  4. बढ़िया जगह के दर्शन करा दिए, हमने तो नाम भी ना सुना था।

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    1. धन्यवाद हर्षिता जी। हां इसका लोगो को कम ही पता है

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  5. बढ़िया भाई नए मंदिर दिखा दिया जो पता नहीं था

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    1. धन्यवाद प्रतिक,,, वैसे मन्दिर तो सुंदर है ही लेकिन जगह भी बेहतरीन है।

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  6. बहुत बढ़िया सचिन भाई !! जंगलों के बीच स्थित ये मंदिर बहुत खूबसूरत लग रहा है !! नई जगह बताई आपने

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  7. नयी सुबह, नया रास्ता, नयी जगह ...बहुत ही बढ़िया

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  8. जय माता दी,वाकई सचिन भाई इस मंदिर का काफी कम लोगों को पता है,परिचय कराने के लिए आभार।इस बार हमारा भी जाना हुआ तो जरूर जाएंगे यहाँ भी।

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  9. हरिद्वार मे मायादेवी का भी सिध्दपिठ मन्दिर है

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    1. जी माया देवी मंदिर भी सिद्धपीठ है और पहले हरिद्वार को इनके नाम से ही मायानगरी बोला जाता था।

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  10. भाई है तो बड़ी ही शानदार जगह।मंदिर दर्शशन के अलावा प्रकृति की भी अनुपम छटा बिखरी पड़ी है।ऐसा प्रतीत होता है।मगर एक बित।बिना अपनी गाड़ी के कोई और उपाय अंदर जाने का? या टैक्सी हरिद्वार से ही लेकर चलना होगा?

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    1. राजेश जी हरिद्वार से ऑटो कर सकते है क्योंकि उस दिन मंदिर से लौटते वक्त दो ऑटो देखे थे जो सवारी को लेकर मंदिर जा रहे थे।

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  11. आपके इस आलेख ने मेरा ज्ञान बढ़ाया है। मेरा यह लेख भी पढ़ें माया देवी मंदिर हरिद्वार

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